साक्षात्कार : मैथिली गीत-संगीत में स्थापित व सुप्रसिद्ध गायक विकास झा के साथ
साक्षात्कार :
सवाल : बिदेश्वर नाथ झा "बिकास"
जवाब : सुप्रसिद्ध मैथिली गायक विकास झा
◆ न्यूज़ मिथिला साक्षात्कार के क्रम में आज हमारे साथ हैं मैथिली गीत-संगीत के क्षेत्र में स्थापित व सुप्रसिद्ध गायक.. जिनके स्वर में अभी तक 60 से अधिक एल्बम बाजार में आ चुके है। साथ ही कई मैथिली फ़िल्मों में सफल अभिनय कर चुके व संगीत दे चुके मशहूर गायक विकास झा।
प्रश्न : विकास झा जी, न्यूज़ मिथिला के साक्षात्कार के क्रम में आपका स्वागत है।
जवाब : बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने मुझे ये मौक़ा दिया, न्यूज़ मिथिला के सभी पाठकों को मै प्रणाम करता हूँ।
सवाल : विकास जी, न्यूज़ मिथिला के दर्शक सब के समक्ष अपना परिचय दिया जाय।
जवाब : मेरा नाम विकाश झा है.. मेरे पिता जी का नाम श्री शिव नारायण झा और माँ का नाम कामाख्या देवी है। मै बिहार के मधुबनी जिला अंतर्गत गांधी नगर सिमरी का रहने वाला हूँ। फ़िलहाल दिल्ली में रहता हूँ, काम के सिलसिले में ज़्यादातर मुम्बई मे भी रहना पड़ता है।
मेरी शुरुआती शिक्षा कोलकाता से हुई फिर हमलोग बिहार चले आये बाक़ी की शिक्षा मिथिला से ही हुई है।
मेरी शुरुआती शिक्षा कोलकाता से हुई फिर हमलोग बिहार चले आये बाक़ी की शिक्षा मिथिला से ही हुई है।
प्रश्न : गायन और संगीत के क्षेत्र में कार्य करने का सफर कहाँ स और कैसे शुरू हुआ ?
जवाब : मेरा बचपन से ही गाने के प्रति और अभिनय में बहुत रुझान था। मै 5-6 साल के उम्र से गाता था और जब अपने गॉव में रहने लगा तो वहा अभिनय गाव के नाटक से शुरू किया और गायन भी स्टेज पे वही से शुरू हुआ। लोग प्रोत्साहित करते गए मेरा हौसला बढ़ता गया और में गाने लगा।
सवाल : विकास जी आपके संगीत शिक्षा के प्रारंभिक गुरू कौन है ?
जवाब : मेरे प्रारम्भिक गुरु पंडित कुँज बिहारी मिश्र हैं, उसके बाद बनारस घराना के पंडित शशिभाल मिश्र जी है जिनसे मैंने संगीत की शिक्षा ली।
सवाल : संगीत के क्षेत्र में आपने अपनी कार्य से एक अछि खासी पहचान बनायीं है। लेकिन संगीत और गायन में मैथिली को आपने अधिक प्राथमिकता दी, कारण ?
जवाब : आज मुझे जो भी नाम या शौहरत मिला वो मैथिली की वज़ह से ही मिला। वेसे मैंने 9 भाषाओ में गाया है पर मुझे अपनी मातृभाषा से अगाध लगाव है अगर मैं मैथिली संगीत को अपनी गायकी से पहचान दिला पाया तो मेरे जीवन की बहुत बड़ी उपलब्धि होगी और मै मैथिली में कुछ नया करने की प्रयास निरंतर करता रहता हूँ।
सवाल : आपके स्वर मे पहला रिकाॅर्डेड कैसेट/एल्बम कौन था ? और अभी तक आपने कितनी भाषाओं और विद्या में गायन किया है ?
जवाब : मेरे आवाज़ में पहला एल्बम नीलम कैसेट से "परदेसी भ गेलौ" था। अभी तक 60 से ज़्यादा मैथिल एल्बम 8 मैथिल फ़िल्म 5 भोजपुरी 2 राजस्थानी 12 हरियाणवी में और भारत सरकार की बहुत सारे मंत्रालय के ज़िगल (प्रचार गीत) मैंने गायें है।
सवाल : अभी तक आपके आवाज में कितने एल्बम/कैसेट्स बाजार में आ चुके है ? और सबसे सफल कौन कौन रहा है ?
जवाब : "कनिया करबई मोबाइल वाली" मेरा पहला हिट एल्बम था साथ ही "हे जगदम्बे मईया" देवी गीत जिसमे "तू नय सुनबें विपत के बेरिया" गाना बहुत पंसद किया गया था। उसी क्रम में मैथिली टॉनिक एल्बम जिसका गीत "गुलाबी तोहर गाल गोरिया" डीजे पर बहुत बजा था। मैथिली लालचटनी और भी बहुत सारे एल्बम है जो हिट है।
सवाल : एहर एक गायक-गायिका के प्रसिद्धि में एक गीतकार और एक व्यक्तित्व का अहम योगदान रहता है, आपके नज़र में वो कौन है ?
जवाब : जहाँ तक गीतकार की बात है, मेरी जिंदगी में पहले गीतकार अशोक चंचल जी है, जिनकी वजह से हमें प्रसिद्धि मिली। उन्होंने मैथिली एल्बम "कनिया करबय मोबाइल वाली' का टाइटल गीत लिख कर दिया था, जो की उस समय बहुत ही हिट रहा था। उसके बाद जितने भी गीतकारों ने मेरे लिये लिखा है वह सब बहुत एहमियत रखते है। म्यूजिक डायरेक्टर जिन्होंने म्यूजिक दिया, जिन्होंने गीत अरेंज किया, जो रिकार्डिस्ट है जिन्होंने रिकॉर्ड किया है। उन्हीं सब के वजह से ही आज में कुछ कर पाया हूँ।
आपको बता दूँ की ज्यादातर गानों को रानी विकास झा ने लिखा है, जो की मेरी पत्नी है। हमलोगों ने एक साथ बहुत गाने लिखें है।
आपको बता दूँ की ज्यादातर गानों को रानी विकास झा ने लिखा है, जो की मेरी पत्नी है। हमलोगों ने एक साथ बहुत गाने लिखें है।
सवाल : आपके पसंदीदा गायक व संगीतकार कौन है ?
जवाब : पसंदीदा मैथिली गायक में ज्ञानेश्वर दुबे, हेमकांत झा, सुरेश पंकज, रामबाबू झा ये सब पसंदीदा गायक है, साथ ही मेरे समकक्ष के जो कलाकार है वो सब भी बहुत अच्छा गाते है। मैथिली में भी बहुत अच्छी अच्छी आवाजें है। सबकी अपनी अपनी पहचान और स्टाइल है। हिंदी के पसंदीदा गायक में उदित नारायण झा, जसपाल सिंह जिन्होंने ने नदिया के पार सिनेमा का गाना गाया था, महेंद्र कपूर, लता मंगेशकर फेवरेट है। रही बात पसंदीदा संगीतकार की तो नौशाद, रविंद्र जैन, मदनमोहन जी, ए आर रहमान, अनु मलिक.. साथ ही जितने भी संगीतकार है वो सब हमें अच्छे लगते है क्यूकी सब कुछ न कुछ अच्छा और अलग किये है और कर रहे है, जिससे बहुत कुछ सिखने को मिलता है।
सवाल : आपने गायन के साथ अभिनय के क्षेत्र में भी कदम रखा, संगीत से फ़िल्म के सफर का अनुभव कैसा रहा ?
जवाब : गायन से अभिनय की बात है ती हमने आपको पहले भी बताया है की मैं बचपन से ही अभिनय करता आया हूँ। गाव के मंच पर, स्कुल में और मेरी गायकी की शुरुआत भी वहीं से हुआ। अभी तक जो मैंने फ़िल्म की है वह एक मैथिली फिल्म "मीत हमर जनम जनम के" है। अनुभव की बात करें तो अनुभव बहुत ही अच्छा रहा। फ़िल्म के जो भी कलाकार थे, टेक्नीकल टीम सभी ने मेरा बहुत साथ दिया, अंततः अनुभव बहुत अच्छा रहा। इन्ही अनुभवों के आधार पर आने वाले प्रोजेक्ट में काम करूँगा.. साथ ही भगवान से आशा करता हूँ की अनुभव आगे भी अच्छा ही रहे।
सवाल : मैथिली सिनेमा संगीत में बढ़ते हुए फूहड़ता पर एक गायक के नाते आपका क्या विचार है ?
जवाब : आपने बहुत ही अच्छा सवाल किया है... मैथिली संगीत में फूहड़ता का प्रवेश हो गया है। मैंने भी उस तरह के कुछ गलतियां की है। उन सब गानों की वजह थी की में किसी कंपनी के तहत अनुबंधित था। और अनुबंध के अनुसार निर्माता का बात मानना पड़ता है अगर उनका कहा नहीं किया जाय तो वह आपको जुर्माना कर सकते है। बहुत तरह से डराया जाता है, जहाँ मजूबर होकर गाना पड़ता है। इन्हीं परिस्थितियों में हमने भी कुछ गलतियां की है.. मैं दिल से कहूँ तो हमे इस बात को लेकर हमेशा शर्मिंदगी महसूस होता रहेगा।
और आने वाली जो पीढ़ी है मैं उनसे कहूँगा की देखिये आप फूहड़ गाने से कुछ समय के लिये कुछ लोगो के बीच पॉपुलर हो जायेंगे, लेकिन अच्छा गाने से आप बहुत लोगों के बीच आजीवन पॉपुलर हो सकते है। मैथिली संगीत की जो आने वाली पीढ़ी है उसे देखकर में मैथिली संगीत के उज्जवल भविष्य के प्रति आश्वस्त हूँ। बहुत सारे आगंतुक गायक-गायिका को जिन्हें हम जानते है वो कभी भी फूहड़ता को बढ़ावा नही देंगे। वो सब क्लासिकल संगीत सीख कर इस क्षेत्र में आ रहे है.. उन सबों का आवाज और पर्सनॅलिटी भी बहुत अच्छा है। वहीं कुछ ऐसे भी लोग है जिनके पास किसी प्रकार का टैलेंट नहीं है.. वह क्षणिक प्रसिद्धि के लिये कुछ भी गा रहे है। इसके परे बहुत सारे नये कलाकार इस क्षेत्र में आ रहे है जो मैथिली संगीत को नया दिशा देंगे।
और आने वाली जो पीढ़ी है मैं उनसे कहूँगा की देखिये आप फूहड़ गाने से कुछ समय के लिये कुछ लोगो के बीच पॉपुलर हो जायेंगे, लेकिन अच्छा गाने से आप बहुत लोगों के बीच आजीवन पॉपुलर हो सकते है। मैथिली संगीत की जो आने वाली पीढ़ी है उसे देखकर में मैथिली संगीत के उज्जवल भविष्य के प्रति आश्वस्त हूँ। बहुत सारे आगंतुक गायक-गायिका को जिन्हें हम जानते है वो कभी भी फूहड़ता को बढ़ावा नही देंगे। वो सब क्लासिकल संगीत सीख कर इस क्षेत्र में आ रहे है.. उन सबों का आवाज और पर्सनॅलिटी भी बहुत अच्छा है। वहीं कुछ ऐसे भी लोग है जिनके पास किसी प्रकार का टैलेंट नहीं है.. वह क्षणिक प्रसिद्धि के लिये कुछ भी गा रहे है। इसके परे बहुत सारे नये कलाकार इस क्षेत्र में आ रहे है जो मैथिली संगीत को नया दिशा देंगे।
सवाल : आपको मिथिलालोक के चर्चित अभियान "पाग बचाउ अभियान" का ब्रांडएम्बेसडर बनाया गया, इस संदर्भ में कुछ कहें ?
जवाब : आपने मिथिलालोक फाउंडेशन के "पाग बचाउ अभियान" के बारे में पूछा.. आपको बता दूँ की मैं हमेशा से उन सभी अभियानों का समर्थन करता आया हूँ, जो मिथिला मैथिली को आगे बढ़ाने के लिये काम कर रही है। इसी बीच मुझसे डॉ० बीरबल झा ने संपर्क किया की आप मिथिला के एक चर्चित गायक है, आपको लोग जानते है युवा वर्ग में आपकी अच्छी पैठ है। हम चाहते है की मिथिलालोक के इस पाग को पहन कर स्टेज पर परफॉर्म करें। ताकि युवा वर्ग में अच्छी सन्देश जाये, और डॉ० बीरबल झा का उदेश्य इस पाग के बहाने संपूर्ण मिथिला को एकजुट करना है।
देखिये, मेरा यह मानना है की जितनें भी अभियान है, जो कुछ भी सोच रहे है वो अगर मिथिला मैथिली के लिये अच्छा सोच रहे है, तो यह बहुत ही अच्छी बात है। उन सबका सपोर्ट करना चाहिए, ऐसे ही सबको कुछ न कुछ अभियान चलाना चाहिए। मिथिला मैथिली के विकास के लिये मैं ती बोलता हूँ की हर घर में अभियान चलना चाहिए, हर घर में अपने आप को विकसित करने का अभियान चलाना चाहिए। हर मैथिल अगर अपने आप को विकसित कर लेगा, अपने घर मैं मैथिली भाषा और संस्कृति को बचा लेगा तो यही सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। इस तरह का अभियान हर एक मैथिल दिल के अंदर चलाये, संस्थाऐं तो चला ही रही है..। में किसी संस्था और उनके कार्य का विरोध नहीं करता हूँ। सब ने मिथिला मैथिली के लिये कुछ न कुछ अच्छा जरूर सोचा होगा।
देखिये, मेरा यह मानना है की जितनें भी अभियान है, जो कुछ भी सोच रहे है वो अगर मिथिला मैथिली के लिये अच्छा सोच रहे है, तो यह बहुत ही अच्छी बात है। उन सबका सपोर्ट करना चाहिए, ऐसे ही सबको कुछ न कुछ अभियान चलाना चाहिए। मिथिला मैथिली के विकास के लिये मैं ती बोलता हूँ की हर घर में अभियान चलना चाहिए, हर घर में अपने आप को विकसित करने का अभियान चलाना चाहिए। हर मैथिल अगर अपने आप को विकसित कर लेगा, अपने घर मैं मैथिली भाषा और संस्कृति को बचा लेगा तो यही सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। इस तरह का अभियान हर एक मैथिल दिल के अंदर चलाये, संस्थाऐं तो चला ही रही है..। में किसी संस्था और उनके कार्य का विरोध नहीं करता हूँ। सब ने मिथिला मैथिली के लिये कुछ न कुछ अच्छा जरूर सोचा होगा।
सवाल : मिथिला और मैथिली के विकास के लिए बहुत सारे राजनितिक और समाजिक संगठनो द्वारा विभिन्न स्तर पर कार्य किया जा रहा है, एक मैथिल के नाते मिथिला और मैथिली के विकास के प्रति आपका क्या राय है ?
जवाब : मिथिला का तो विकास हुआ है। मिथिला अब उतना पिछड़ा नही है जितना कुछ लोग हौवा बना रहे है, ऐसा कुछ नही है। मिथिला का बहुत विकास हुआ है.. जैसे हमारी भाषा अब उसके प्रति भी लोग जागरूक हो रहे है जो की मैने देखा है। जो हमारी संस्कृति के अमूल्य चीजें है उनको बचा कर रखना है। जो हमारी संस्कृति और रीती रिवाज को आने वाली पीढ़ी में उन चीजों को कैसे पहुचायें इसके बारे में सोचना है।
सवाल : बिकास जी। न्यूज़ मिथिला से बात करने के लिये आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
जवाब : "न्यूज़ मिथिला" टीम का बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने हमें मौका दिया और मेरे दिल की बात को जनता तक पहुँचाने में हमारा माध्यम बनें। आपकी टीम का बहुत बहुत आभार व्यक्त करूँगा.. खास कर बिकास जी आपका। हम दोनों का एक ही नाम के है, और में समझ सकता हूँ आपकी भावनाओं को जो आप न्यूज़ मिथिला के लिये कितना कर रहे है। "न्यूज़ मिथिला" के आग्रिम भविष्य के लिये ढ़ेर सारी शुभकामनाएं..
★ गायक विकास झा से जुड़े कुछ तस्वीर Click Here
●आज हमारे साथ थे मैथिली संगीत व सिनेमा में स्थापित गायक विकास झा। उम्मीद करते है की इनका साक्षात्कार आपको अच्छा लगा होगा.. अभी के लिये बस इतना ही। अगले साक्षात्कार में फिर हाज़िर होंगे किसी नये चेहरे के साथ.. तब तक पढ़ते रहिये "न्यूज़ मिथिला" ...
★ गायक विकास झा से जुड़े कुछ तस्वीर Click Here
●आज हमारे साथ थे मैथिली संगीत व सिनेमा में स्थापित गायक विकास झा। उम्मीद करते है की इनका साक्षात्कार आपको अच्छा लगा होगा.. अभी के लिये बस इतना ही। अगले साक्षात्कार में फिर हाज़िर होंगे किसी नये चेहरे के साथ.. तब तक पढ़ते रहिये "न्यूज़ मिथिला" ...
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