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एमएसयू के चीनी मिल आंदोलन के बाद सरकार के निर्णय का इंतज़ार


खास रिपोर्ट। बिकास झा : मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने विगत 28 मई से मिथिलांचल क्षेत्र के बंद पड़े चीनी मिल को चालू करवाने को लेकर पहले चरण का आंदोलन का आगाज़ किया जिसका सुखद अंत 6 दिवसीय आंदोलन का आज 02 जून बृहस्पतिवार को पटना के गर्दनीबाग में हुआ।

6 दिवसीय संपन्न चीनी मिल आंदोलन की रूपरेखा

28 मई- दरभंगा पुरानी बस स्टैंड से ढोल-बाजे व गन्ना के साथ रैली शुरू होकर सेकड़ो कार्यकर्ताओं की भीड़ के साथ डीएम कार्यालय पंहुची। जहाँ सांकेतिक धरना व काफी जद्दोजहद के बाद यूनियन के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को डीएम से मिलने की अनुमति दी गयी, जिसमे प्रतिनिधि मंडल द्वारा मिथिला क्षेत्र के बंद पड़े  चीनी मिल को चालू करवाने व 4 मई को मुख्यमंत्री नितीश कुमार के दरभंगा सीएम कॉलेज कार्यक्रम के दौरान चीनी मिल खुलवाने सम्बंधित ज्ञापन देने पंहुचे यूनियन के कार्यकर्ताओं पर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज और दंगाई धाराओं के तहत 6 धाराओं में झूठे मुकदमे के विरोध में हुए अनशन के दौरान मिले आश्वासन मुकदमा वापस लेने के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा गया। डीएम द्वारा दोनों मुद्दों पर जल्द से जल्द कारवाई करने का आश्वाशन दिया गया। जिसके बाफ कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए यूनियन का जत्था सकरी के लिये रवाना हो गयी।

29 मई - पूर्व घोषित दरभंगा कार्यक्रम के बाद अगले दिन के कार्यक्रम के लिये यूनियन का जत्था 28 मई को रात में सकरी के लिए प्रस्थान किया, जहाँ 29 मई को सकरी के आस पास के इलाकों में रैली एवं प्रचार-प्रसार के माध्यम से जन जागरुकता अभियान चलाया गया। साथ ही सकरी बाजार से होते हुए सकरी चीनी मिल प्रांगण तक विभिन्न चौक चैराहों पर नुक्कड़ नाटक किया गया। और शाम में चीनी मिल प्रांगण में विशाल जनसभा किया गया, जिसमे लोगो ने जमकर भाग लिया।

30 मई - दूसरे दिन के सकरी कार्यक्रम के बाद तीसरे दिन के कार्यक्रम के लिये यूनियन के सेनानियों का अगला पड़ाव मधुबनी और लोहट था। जहाँ 30 मई को सुबह 10 बजे से मधुबनी के गौशाला चौक से थाना चौक तक रैली निकाला गया। जिससे बाजार में कई जगह वाहनों का जमावड़ा भी लगा रहा। 3 घण्टे के मशक्कत के बाद मधुबनी डीएम कार्यालय पंहुच कर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत सांकेतिक धरना के बाद जिलाधिकारी को मांगो से सम्बंधित ज्ञापन सौंपा गया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए यूनियन का जत्था अपने अगले गंतव्य लोहट पंहुची जहाँ शाम में लोहट चौक पर जनसभा कर लोगो को जागरूक करने का प्रयास किया गया, जिसकी लोगो ने काफी सराहना की। लोहट के कार्यक्रम के बाद रात्रि विश्राम के लिए अपने सेनानियों का टीम अगले गंतव्य बेनीपट्टी के लिये रवाना हो गयी।

31 मई - बेनीपट्टी प्रखण्ड के विभिन्न कोचिंग संस्थानों में पँहुच कर यूनियन की टोली आपस में बंट कर छात्रों को चीनी मिल के इतिहास व चीनी मिल खुलने से होने वाले फायदों को बताया। चीनी मिल और इस से से जुड़े आंदोलन के बारे में जानकारी के लिए छात्रों में उत्सुकता चरम पर था। छात्रों सहित स्थानीय शिक्षकों का भी अच्छा समर्थन मिल रहा था। जिसके बाद दोपहर में प्रखण्ड कार्यालय पर नुक्कड़ नाटक व जनसभा किया गया।

1 जून- पुनः यथासंभव क्षेत्र भ्रमण व जागरूकता अभियान के बाद यूनियन का जत्था दरभंगा पंहुची जहाँ टावर चौक पर पंहुच कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया गया। जिसके बाद शाम को यूनियन के 40 सेनानी का जत्था सीएम व सम्बंधित विभाग के मंत्री का घेराव करने पटना के लिए रवाना हो गयी।

2 जून- पटना के गर्दनीबाग में सैकड़ो की संख्या में  कार्यकर्ता के साथ धरना का शुरुआत किया गया।
कुछ समय बाद यूनियन के कार्यकर्ताओं द्वारा चीनी मिल सम्बंधित ज्ञापन सौंपने के लिए विभाग में जाने से बलपूर्वक रोका गया। जिसके बाद काफी धक्का-मुक्की के बाद प्रशासनिक पहल पर यूनियन के प्रतिनिधियों को मांगो से सम्बंधित ज्ञापन सौंपने की अनुमति दी गई। 

एमएसयू कार्यकर्ताओं की मांग है की इस इलाके में उद्योग-धंधा शून्य के बराबर है इसलिए सरकारी स्तर पर पहल की जाए और बंद पड़े चीनी मिलों को फिर से शुरू किया जाए। चीनी मिल आंदोलन को लेकर एमएसयू पिछले कई महीनों से अभियान चला रहा है। सोशल मीडिया पर भी इस आंदोलन को पुरजोर समर्थन मिल रहा है। एमएसयू का दावा है कि दस हजार से अधिक लोगों ने चीनी मिल आंदोलन के समर्थन में फेसबुक पर अपना प्रोफाइल पिक लगा रखा है। एमएसयू की दरभंगा इकाई बिमल मैथिल, सागर नवदिया, विद्याभूषण राय जैसे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने आंदोलन को कामयाब बनाने के लिए दिन रात एक कर दिया है। एमएसयू की सभी जिला और प्रखण्ड इकाई के कार्यकर्ताओं का जोश-खरोश भी देखने लायक था। मिथिला स्टूडेंट यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुभाष पासवान अपनी पूरी टीम के साथ आंदोलन में शरीक होने के लिए दरभंगा पहुंचे थे। एमएसयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्र, प्रधान सेवक अनूप मैथिल, बिहार प्रभारी अविनाश भारद्वाज, नितीश कर्ण, राजा राय, विजय झा, रणधीर झा, रौशन मैथिल, राहुल झा, रजनिश प्रियदर्शी, नीरज शेखर, निकिता गुप्ता, बिकास झा, नितीश कश्यप, उमंग कुमार, अमित ठाकुर, गोपाल झा, शिवेंद्र झा, मिंटन चंचल, अजीत वत्स, राजिव ठाकुर, बिभूति कुमार सहित सभी कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि उनकी मेहनत जरूर रंग लाएगी और बिहार सरकार चीनी मिल खुलवाने को लेकर गंभीर प्रयास करेगी। इस आंदोलन में कारोबारी जगत, बुद्धजीवी समुदाय, छात्रों, किसानों का भी भरपुर समर्थन मिला है। अब देखना यह है की प्रथम चरण के शांतिपूर्ण आंदोलन के बाद सरकार द्वारा कोई ठोस निर्णय लिया जाता है या यूनियन को बाध्य होकर अपने आंदोलन का अगले चरण का आंदोलन का घोषणा करना पड़ेगा, साथ ही देखने वाली बात यह होगी की आंदोलन का अगला चरण प्रथम चरण की तरह शांतिपूर्ण रहेगा या इसका स्वरूप में बदलाव किया जायेगा।