एमएसयू कार्यकर्ताओं की मांग है की इस इलाके में उद्योग-धंधा शून्य के बराबर है इसलिए सरकारी स्तर पर पहल की जाए और बंद पड़े चीनी मिलों को फिर से शुरू किया जाए। चीनी मिल आंदोलन को लेकर एमएसयू पिछले कई महीनों से अभियान चला रहा है। सोशल मीडिया पर भी इस आंदोलन को पुरजोर समर्थन मिल रहा है। एमएसयू का दावा है कि दस हजार से अधिक लोगों ने चीनी मिल आंदोलन के समर्थन में फेसबुक पर अपना प्रोफाइल पिक लगा रखा है। एमएसयू की दरभंगा इकाई बिमल मैथिल, सागर नवदिया, विद्याभूषण राय जैसे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने आंदोलन को कामयाब बनाने के लिए दिन रात एक कर दिया है। एमएसयू की सभी जिला और प्रखण्ड इकाई के कार्यकर्ताओं का जोश-खरोश भी देखने लायक था। मिथिला स्टूडेंट यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुभाष पासवान अपनी पूरी टीम के साथ आंदोलन में शरीक होने के लिए दरभंगा पहुंचे थे। एमएसयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्र, प्रधान सेवक अनूप मैथिल, बिहार प्रभारी अविनाश भारद्वाज, नितीश कर्ण, राजा राय, विजय झा, रणधीर झा, रौशन मैथिल, राहुल झा, रजनिश प्रियदर्शी, नीरज शेखर, निकिता गुप्ता, बिकास झा, नितीश कश्यप, उमंग कुमार, अमित ठाकुर, गोपाल झा, शिवेंद्र झा, मिंटन चंचल, अजीत वत्स, राजिव ठाकुर, बिभूति कुमार सहित सभी कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि उनकी मेहनत जरूर रंग लाएगी और बिहार सरकार चीनी मिल खुलवाने को लेकर गंभीर प्रयास करेगी। इस आंदोलन में कारोबारी जगत, बुद्धजीवी समुदाय, छात्रों, किसानों का भी भरपुर समर्थन मिला है। अब देखना यह है की प्रथम चरण के शांतिपूर्ण आंदोलन के बाद सरकार द्वारा कोई ठोस निर्णय लिया जाता है या यूनियन को बाध्य होकर अपने आंदोलन का अगले चरण का आंदोलन का घोषणा करना पड़ेगा, साथ ही देखने वाली बात यह होगी की आंदोलन का अगला चरण प्रथम चरण की तरह शांतिपूर्ण रहेगा या इसका स्वरूप में बदलाव किया जायेगा।