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दिल्ली में मिथिला के पाग से पागमय हुआ पंडाल


नई दिल्ली : मिथिला की पहचान पाग अब दिल्ली में भी अपना रंग दिखाने लगा है। मौका था दिल्ली निवासी अशोक झा की पुत्री का वैवाहिक कार्यक्रम, जिसमें सभी बारातियों का स्वागत मिथिला लोक निर्मित पाग से किया गया। विवाह पंडाल में जहां तक नजर दौराइये पाग ही पाग नजर आ रहा था,मानो पूरी दिल्ली मिथिलांचल में परिवर्तित हो गया हो। देश की राजधानी दिल्ली के मंडावली में आयोजित एक वैवाहिक कार्यक्रम का नजारा काफी आकर्षक था। 

पाग मिथिला की सांस्कृतिक पहचान है। लेकिन इसकी बनावट कुछ ऐसी थी जिसके कारण इसे सिर पर रखना काफी मुश्किल था,लेकिन मिथिलालोक संस्था ने सदियों से चली आ रही इस पाग को नए रूप औऱ नये कलेवर देकर यूजर फ्रेंडली बनाया है। बहुत ही कम दिनों में मिथिलालोक द्वारा नवनिर्मित पाग लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है औऱ यही वजह है कि आज ये पाग आम जनमानस के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है । इसमें पुराने कपड़े की जगह अब नये और मुलायम कपड़े का प्रयोग किया गया है। साथ ही इसमें ग्रिपर लगाने से यह स्पोर्टी हो गया है। 

 गौरतलब है कि मिथिलालोक फॉउण्डेशन आजकल “पाग बचाउ अभियान” चला रही है, जिसका उद्देश्य मिथिला की संस्कृति को आगे बढ़ाना है। पाग बचाउ अभियान की सराहना देश विदेश सभी जगह की जा रही है। मिथिलालोक के चेयरमैन डॉ बीरबल झा का कहना है कि मिथिला की संस्कृति को मजबूत करने से देश की संस्कृति सबल होगी,क्योंकि देश की आत्मा वहां कि संस्कृति में बसती है। इसलिए हमारा दायित्व है कि हम अपने क्षेत्र,राज्य और देश की संस्कृति को बचाने और सबल करने में अपना योगदान दें।