विश्व रिकार्ड बनाने की ओर बढ़ रहा है बिहार
कौन कहता है कि बिहार में बहार नहीं है, बिहार को बदनाम किया जा रहा है। कई राजनेता अपनी-अपनी राजनीति करने के चक्कर में बिहार को जंगल राज बता रहे है। लेकिन सच कुछ और ही बयां कर रही है।
जानकारी के अनुसार प्रकाशोत्सव के सफल आयोजन के बाद अब बिहार सरकार का पूरा ध्यान 21 जनवरी को शराबमुक्त बिहार के समर्थन में बनने वाले मानव श्रृंखला पर केंद्रित है। इस आयोजन में 2 करोङ लोगों की भागीदारी होगी, जो वैश्विक स्तर पर भी एक बङा आकङा होगा।
बिहार सरकार ने मानव श्रृंखला के मार्ग की दूरी दो गुनी से अधिक कर दिया है। बतादें कि उक्त मार्ग की दुरी पहले 5000 किमी में ह्यूमन चेन बनना था, लेकिन अब 11 हजार 292 किमी की मानव श्रृंखला बनेगी। वही सभी जिलाधिकारियों से विडियो कान्फ्रेंसिंग के बाद मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने यह नया लक्ष्य तय कर सभी जिलों को जवाबदेही सौंपी दी है। मुख्य सचिव ने बताया कि एक किमी में 2000 लोग एकजुट होकर एक-दूसरे के हाथों में हाथ पकड़कर शराबबंदी की मुहिम को अपना समर्थन देगें। उन्होंने ये भी कहा कि जिलाधिकारियों के द्वारा जानकारी दी गयी है कि 1 कि०मी० में एक हजार लोग ही खड़े हो सकते हैं, इसलिए टारगेट बड़ा कर दिया गया है। हालांकि लक्ष्य बदलने के बाद भी मानव श्रृंखला के मुख्य मार्ग की दूरी पूर्ववत 3007 किमी ही है। अलबत्ता जिलों के अंदर उपमार्ग – सबरूटों की दूरी 11292 किमी हो गयी है। उन्होंने जिलों को सख्त हिदायत दी है कि कहीं भी मानव श्रृंखला टूटने न पाए।
प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने जिलाध्यक्षों के साथ मानव श्रृंखला की तैयारी को लेकर पार्टी कार्यालय में कई घंटे कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बैठक की। उन्होंने बाद में पत्रकारों से कहा कि नशाबंदी के खिलाफ बिहार के इस अद्भुत कार्यक्रम में पूरी एकजुटता बरती गई है। पार्टी कार्यकर्ता सभी जिलों में इसके लिए मुश्तैद है। बिना पार्टी के झंडे और बैनर के सभी कार्यकर्ता इस अभियान में हिस्सा लेंगे। आशार लगायें जा रहें हैं कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महिलाओं का भूमिका सर्वाधिक रहेगा।
*नाशाबंदी पर बिहार का नारा:-
महिलाओं का हुआ सपना साकार।
शराब मुक्त हुआ अपना बिहार।