साक्षात्कार : सुप्रसिद्ध संगीतकार व गायक सुनील पवन के साथ
साक्षात्कार :
सवाल : बिदेश्वर नाथ झा "बिकास"
जवाब : सुप्रसिद्ध संगीतकार और गायक सुनील पवन
◆ आज हमारे साथ हैं वह चेहरा जिनके संगीत व स्वर से सुसज्जित 200 से अधिक गीत मैथिली, हिंदी, व नेपाली भाषा में बाजार में आ चुके है।
साथ ही कई मैथिली व हिंदी फ़िल्मों में भी सफल संगीत दे चुके.. हिंदी गीत संगीत के क्षेत्र में स्थापित संगीतकार व गायक सुनील पवन जी। आइये जानते है इनके बारे में..
साथ ही कई मैथिली व हिंदी फ़िल्मों में भी सफल संगीत दे चुके.. हिंदी गीत संगीत के क्षेत्र में स्थापित संगीतकार व गायक सुनील पवन जी। आइये जानते है इनके बारे में..
सवाल : सुनील पवन जी, न्यूज़ मिथिला के साक्षात्कार के क्रम में आपका स्वागत है।
जवाब : भाई विकाश जी.. आप का बहुत बहुत धन्यवाद, जो आपने न्यूज़ मिथिला के साथ साक्षात्कार का मौक़ा दिया।
सवाल : सुनील पवन जी, न्यूज़ मिथिला के दर्शक सब के समक्ष अपना परिचय दिया जाय। साथ ही आपकी प्रारंभिक शिक्षा-दिक्षा कहाँ से और किस विषय में हुई इसकी भी जानकारी दें?
जवाब : मात्र एक कलाकार हुँ, यही मेरा परिचय है। वैसे मेरा जन्म 27 मई 1975 को बिहार के दरभंगा जिलान्तर्गत मनीगाछी थाना के बउरहबा गाँव में हुआ। मेरे पिता जी कि असमय मृत्यु के कारन छोटे से उम्र में ननिहाल "बघंत" आ गया यहाँ से महज पाँच वर्ष के उम्र मे छोटे मामा जी अपने साथ कलकत्ता ले के चले गए। मेरी प्रारंभिक शिक्षा "बेलगछिया" बंधाघाट में शुरू हुई। और शायद मेरी संगीत शिक्षा भी यहीं से शुरू हो गई। शुरू में अपने स्कूल में प्रार्थना गाने के लिए क्लास शिक्षक जी ने कहा, पहले शनिवार को संगीत का क्लास लगता था जिसमे मैं सदैव प्रथम आता था। वैसे में ये भी कहना चाहूंगा की पढाई में भी मैं क्लास में अव्वल आता था। अपनी पहली क्लास से छठि क्लास तक मेरा रोल न 01 रहा। यहाँ मेरे मामा जी के मित्र स्वo माणिक दा जो की उषा उत्तुफ ( प्रसिद्ध गायक ) के चाचा जी थे उन्होंने प्रारम्भिक संगीत शिक्षा दी। लेकिन मेरा दुर्भाग्य ने पीछा नहीं छोड़ा मेरे मामा जी की नौकरी छूट गई। वे मुझे ननिहाल "बघंत" छोड़ गए। और गावं के स्कूल में पढ़ने लगा। यहीं से 10वीं, 12वीं एवं बी कॉम किया। इसी बीच मेरी माँ को गले का कैंसर हो गया, वो स्वर्ग सिधार गई। बहुत लम्बी कहानी हैं भाई विकाश...
गन्धर्व महाविद्यालय दिल्ली में पांच वर्ष तक संगीत सीखा , प्रयाग संगीत समिती से प्रभाकर (B.A.) प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया। प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ़ से प्रवीण (M.A.) प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया। साथ साथ मैं ये कहना चाहूंगा ईश्वर ने सब कुछ छीन के संगीत मुझे दिया।
गन्धर्व महाविद्यालय दिल्ली में पांच वर्ष तक संगीत सीखा , प्रयाग संगीत समिती से प्रभाकर (B.A.) प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया। प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ़ से प्रवीण (M.A.) प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया। साथ साथ मैं ये कहना चाहूंगा ईश्वर ने सब कुछ छीन के संगीत मुझे दिया।
सवाल : गायन और संगीत के क्षेत्र में कार्य करने का सफर कहाँ स और कैसे शुरू हुआ ?
जवाब : मैंने संगीत को कभी नहीं छोड़ा। गाँव में मैं गीत गाता रहा। चुकी आर्थिक रूप से तंगी के कारण मैं स्कूल के समय से ही सुगम संगीत, ऑरकेस्ट्रा में गाना गाता रहा 1994 में एक शुभचिंतक ने अपने कैसेट में हिन्दी भजन गवाने के लिए दिल्ली ले आये, जिस एल्बम का नाम था "माँ की पुकार" उसी स्टुडियो ( नीलम स्टुडियो ) से मुझे काम मिलना शुरू हो गया मैथिली भाषा के लिए मेरा पहला गीत "मानु मानू मानू ओजहा" ( एल्बम) मैथिल विवाह, नवकि कनियाँ, दुर्गा भजन, बिजरियाँ,भैया के विवाह, सजनियाँ, प्राणप्रिये, मैया के पूजा, मरू पिचकंरी पिया धीरे धीरे फिर यहीं से मुझे टी-सीरीज म्यूजिक कम्पनी से बुलाबा आया 1999 में वहाँ मैंने एल्बम - मिथिला के बेटा, पिया जी, मिथिला के किशोर, राजा जी, हेल्लो मिथिला, महादेव (शिव भजन), जुल्फी वाली रनियां -2 और भी बहुत सारे गाने गाए जो अब मुझे ठीक से याद नहीं इसी बिच में मैंने क़ुछ और कम्पनी के लिए काम किया जैसे - मिथिलांचल निर्माण करू, देवदास, जुल्फिवाली रनिया, मईया रानी, मैथिली मज़ा, चिकनी चमेली, प्रेम रस, सारि छै कमाल, बाबा के दुवरिया, सरस्वती पूजा, घूँघट में चान, होली टनाटन, बिजरियाँ चले छम छम, मूड फ्रेश, जय जय मईया अम्बे भवानी, हे भोले बाबा, भंगिया बउरहबा, जिया धडकबै छेँ, संत लक्ष्मी नाथ सउबिसा, हे छठी मईया, भंगिया रुसल जाय, विद्यापति अनमोल गीत, प्रेमक फुहार आदि। वहीं हिन्दी में गुरु वन्दना, अमृत हरी भजन, अन्नपूर्णा अस्तोत्रम् , मैया खाली झोली भरदे, शेरा वाली माँ, हनुमान चालीसा, गणपती अस्तोत्रम्, दुर्गा चालीसा, खाटू वाले श्याम का दीवाना। भोजपुरी में ऐ बिल्लोरानी, लहंगा उठा देब रिमोट से, चोलिया में उरला गुलाल, ग़मे वेवफाई, सुनील पवन एक्सप्रेस मैंने तकरीबन 250 से अधिक एल्बम गाये। मेरे पुराना डायलॉग हूअा करता था "गाना से खाना" अर्थात मैं हर दिन कुछ कुछ रिकॉर्ड करके अपना जीवन यापन करता था।
सवाल : आपने संगीत निर्देशन में नई ऊँचाई बनाई, बॉलीवुड के सिद्धस्त संगीतकार गायक को अपने फिल्मों में गाना गवायें है, इस विषय में जानकारी दें।
जवाब : विकाश जी सब ईश्वर की माया है, हाँ मैंने चार फिल्मों के लिए काम किये जिसमे पहला फिल्म - हाफ मर्डर(मैथिली) है। जो निर्माता निर्देशक श्री रामनाथ झा जी के साथ, मेरे प्रिये संगीतकार गायक स्व० रविंद्र जैन उर्फ़ दद्दू जी के साथ काम कर के बहुत कुछ सीखने का मौक़ा मिला। स्व0 दद्दू जी ने रफ़ी साहब से पहली मुलाकात इक संगीतकार के रूप में और रफ़ी साहब द्वारा दी गई सुझाब ऐसे सुनाएँ जैसे स्व ० रफ़ी साहब स्वयम मुझे से कह रहें हो। बहुत यादगार पल और यादगार गीत - जानी ने केककर नज़री लगलइ। बॉलीवुड के सिद्धस्त गायक कुमार सानु जी, कविता कृष्ण मूर्ती जी, उदित नारायण जी, मोहम्मद अज़ीज़ साहब, शान जी, ज्ञानेश्वर जी आदि इत्यादि.. मोटी बात कहूँ तो बहुत मज़ा आया। लोगो ने हाफ मर्डर के गीत संगीत को सराहा जिसके लिए सभी श्रोताओं का बहुत बहुत धन्यवाद। मेरा दूसरा फिल्म - ये इश्क़ (हिंदी) है निर्माता निर्देशक लव गुप्ता जी है ये कहानी बिलकुल नई है मैंने संगीत में कुछ नये प्रयोग किये है जो सुनके आप सब को अच्छा लगेगा। मेरा तीसरा फिल्म - बिहारी बाबु बन गया जेंटिल मेन (भोजपुरी) है और "यात्रा मिथिला धाम" के विषय में मत पूछिए ऑडिओ तैयार कर साल भर पहले दे चुका हूँ अब निर्माता जी जो करें। साथ ही नेपाली भोजपुरी फिल्म - गवनँवा से पहले, निर्माता निर्देशक - मनोज कमल जी के साथ किया है जिसमें मैने अपना संगीत दिया है। डी डी बिहार पर चल रहे "पाहून" धारावाहिक में मेने संगीत दिया है, नव डॉकोमेनटरी फिल्म जो की विद्यापति और वीरांगना सीता है जिस पे काम किया है।

सुनील पवन.. विभिन्न पार्श्व गायकों के साथ
![]() |
सुनील पवन.. विभिन्न पार्श्व गायकों के साथ |
सवाल : संगीत के क्षेत्र में आपने अपनी कार्य से एक अछि खासी पहचान बनायीं है। लेकिन संगीत और गायन में मैथिली को आपने अधिक प्राथमिकता दी, कारण ?
जवाब : मातृ भाषा से लगाव होना लाज़मी है। मैथिली भाषा ने इतने काम दिए की दूसरे तरफ जाने का समय ही नहीं बचा।
सवाल : संगीत के क्षेत्र में आपने अपनी कार्य से एक अछि खासी पहचान बनायीं है। लेकिन संगीत और गायन में मैथिली को आपने अधिक प्राथमिकता दी, कारण ?
सवाल : एक बात और बतायें, सूना है की आप अपने (स्टेज शो) कार्यक्रम के लिए बहुत अधिक पैसे का डिमांड करते है। यूँ कहे की सब से अधिक पैसा मांगते है?
जवाब : देखिये मेरा संगीत मुझे बहुत बेहतर काम आज भी दे रहा है। फिर मैं छोटी बजट में जा के अपना समय ख़राब नहीं करना चाहता। जो मेरे संगीत के प्रशंसक हैं वो आज भी बुलाते है, मैं प्रोग्राम करता हुँ।
सवाल : आपके पसंदीदा गायक व संगीतकार कौन है ?
जवाब : जो काम कर रहे है वे सभी अच्छे हैं मैं किसी को बुरा नहीं मानता।
सवाल : आप का अपना पसंदीदा गीत जो आप को बहुत अच्छा लगता हो ?
जवाब : अभी मुझे खुद इंतज़ार है उस अमिट गीत, संगीत का।
सवाल : अभी तक आपने कितने एल्बम और फिल्म में अपना संगीत दे चुके है..?? और कौन सा गीत सबसे हिट रहा ?
जवाब : इसका जबाब मैं ऊपर दे चुका हूँ, तकरीबन 200 से अधिक गीतों में संगीत दे चुका हुँ। लोगो ने जिस गीत को अधिक सराहा उसमे - कोना के टूटलउ मोटी के हार (जुल्फिवली रनियां), जय छे दुलरुवा बेटा तुहु परदेश (बिजरियाँ), भूखल प्यासल एलउ शरण में (मैया के पुजा), हमर मोनक में (प्रेमरस) जिसे बाद में उदित नारायण जी ने गाया, गे परान गे परान (फिल्म - हाफ मर्डर) और कितने नाम गिनाऊ इस मामले में सौभाग्यशाली हुँ। मेरे हरेक गीत में इक अलग अंदाज़ रहा है।
सवाल : मैथिली गीत-संगीत में बढ़ते फूहड़ता पर एक संगीतकार के नाते आपका क्या विचार है ?
जवाब : देखिये विकाश जी, दुनिया गोल है हम सब जहाँ से चले थे अल्ला रुदल, छकरबाजी नाच फिर वहीँ है। जो शास्त्रीय संगीत, सुगम संगीत का दौर था वह तेज गति से बदला जिस तरह छकरबाजी नाच हुआ करता था आज फिर से वही हो रहा। ना सुर ना ताल बस धमाल। नये युवा कलाकार आये है जो झूठी पहचान बनने के लिए गली गलौज गा रहे है। विकाश जी इस सन्दर्भ मैं कुछ नही बोलना चाहता हुँ।
सवाल : आपके भविष्य की क्या योजनाऐं है ?
जवाब : फिल्म फेयर की तैयारी।
सवाल : सुनील पवन जी। न्यूज़ मिथिला से बातचीत करने के लिये आपके बहुत-बहुत धन्यवाद।
जवाब : आप का और आपकी "न्यूज़ मिथिला" टीम का बहुत बहुत स्वागत विकाश जी।
सुप्रसिद्ध संगीतकार सुनील पवन से जुड़े कुछ तस्वीर >>
●आज हमारे साथ थे संगीत के क्षेत्र में स्थापित गायक व संगीतकार सुनील पवन जी। आज का साक्षात्कार आपको कैसा लगा.. इस सम्बंधी सुझाव व निर्देश आप हमें 8677954500 व्हाट्स एप्प पर दे सकते है। अभी के लिये बस इतना ही। अगले साक्षात्कार में फिर हाज़िर होंगे किसी नये चेहरे के साथ.. तब तक पढ़ते रहिये "न्यूज़ मिथिला"...
●आज हमारे साथ थे संगीत के क्षेत्र में स्थापित गायक व संगीतकार सुनील पवन जी। आज का साक्षात्कार आपको कैसा लगा.. इस सम्बंधी सुझाव व निर्देश आप हमें 8677954500 व्हाट्स एप्प पर दे सकते है। अभी के लिये बस इतना ही। अगले साक्षात्कार में फिर हाज़िर होंगे किसी नये चेहरे के साथ.. तब तक पढ़ते रहिये "न्यूज़ मिथिला"...
Post Comment