Breaking News

सौराठ सभा का वैदिक रीति रिवाज से हुआ उद्घाटन


मधुबनी, बिभूति झा : मैथिल ब्राह्मणों का ऐतिहासिक धरोहर एवं मिथिलांचल का गौरव विश्व प्रसिद्ध सौराठ सभा का शुक्रवार को अपराह्न चार बजे वैदिक रीति रिवाज के साथ बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डाॅ. मदन मोहन झा व कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डा. देवनारायण झा द्वारा संयुक्त रूप से उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम के दौरान सभी मुख्य अतिथियों ने सौराठ सभा के गौरवशाली इतिहास को याद कर, आज के समय में सौराठ सभा के परिस्थिति में हुए बदलाव पर बात करते हुए कहा की सौराठ सभा मिथिला की परंपरा का एक हिस्सा है। जिस परम्परा से मिथिला की पहचान विश्व भर में है उस सौराठ सभा की परम्परा को बचाने के लिए सबों को आगे आना चाहिए।  इसका संरक्षण कैसे किया जाय इस विषय पर काम करना होगा। साथ ही वक्ताओं ने मिथिलावासियों से सभा स्थल पर अधिक से अधिक संख्या में पंहुचने की अपील की। सभा स्थल पर स्थानीय मैथिल कलाकारों ने मिथिला संस्कृति के गीत-गान प्रस्तुत कर लोगों का मनोरंजन किया।  

मौके पर सौराठ सभा के अध्यक्ष जीवछ झा, जिप के पूर्व अध्यक्ष सतीशचंद्र मिश्र, रामनारायण झा, मनोज कुमार मिश्र, ज्योति रमण झा बाबा, प्रवीण नारायण चौधरी, चेतना समिति के उमेश चंद्र मिश्र, शेखर मिश्र, कृष्णकांत झा गुड्डु, शुभंकर झा, श्याम झा, मणिकांत झा सहित कई लोग मौजूद थे। 

अपनी ऐतिहासिक अस्मिता को बचाने के लिए मशक्कत कर रही मृतप्राय सौराठ सभा को अस्तित्व में लाने के लिए फिर से कई संगठन संयुक्त रूप से सौराठ सभा विकास समिति, अखिल भारतीय मिथिला राज्य जन जनसंघर्ष समिति, मैथिल ब्राह्मण समाज, ब्राह्मण महासभा सहित कई संगठनों द्वारा एकजुटता दिखाते हुए उद्घाटन से पूर्व बैठक, जन संपर्क, रथ यात्रा, बाईक रैली आदि के माध्यम से मिथिलांचल में भ्रमण कर लोगों से आने की अपील किया गया है। इससे पूर्व लोगो को जागरूक करने के लिए "सौराठ आउ धरोहर बचाउ" रथ यात्रा निकाल कर सप्ता, रहिका, मंगरौनी, बेल्हवार, बेलाही, पोखरौनी, जीतवारपुर, शिवीपट्टी सहित दर्जनों गांव का दौड़ा कर ब्राह्मणों से सभा गाछी आने और विश्व प्रसिद्ध मैथिल के इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की अपील भी की गया है।