Breaking News

दरभंगा में 16 अक्टूबर को होगा पाग बचाउ अभियान-पाग संस्कृति महोत्सव का आयोजन


डेस्क : दिल्ली एवं मधुबनी में मिली अपार सफलता के बाद आगामी 16 अक्टूबर को दरभंगा में ‘‘पाग बचाउ अभियान’’ का शुभारंभ किया जायेगा। मिथिलालोक फाउंडेशन के बैनर तले आयोजित इस अभियान के दौरान उस दिन पाग मार्च एवं मैथिली संगीत संध्या का आयोजन किया जायेगा। साथ ही इस अवसर पर कई लोगों को ‘पाग सम्मान’ से नवाजा जायेगा।

‘पाग’ जो कि मिथिलांचल की सनातन संस्कृति का प्रतीक है। इसका महत्व इस बात से पता चलता है कि मिथिला के इतिहास के शायद सर्वकालीन महान व्यक्तित्व महाकवि विद्यापति प्रायः पाग में ही देखे जाते हैं। ज्ञातव्य है कि न केवल मिथिला बल्कि भारत के हरेक कोनों में प्राचीन काल से ही अपने सर को ढंकने के लिए अलग-अलग नामों से विभिन्न परिधान का चलन रहा है। इसे हम विभिन्न नामों यथा पग, पगड़ी, फेटा, हिमाचली टोपी, मुरेठा आदि नामों से जानते हैं।

प्रसिद्ध शिक्षाविद् एवं लेखक डा0 बीरबल झा के नेतृत्व में इसी वर्ष स्थापित ‘मिथिलालोक फाउंडेशन’, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है, मिथिलांचल की सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास के लिए समर्पित है। विगत दिनों में इस संगठन ने पाग बचाउ अभियान के माध्यम से जहां एक ओर दुनियां को मिथिला की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराने का प्रयास किया है वहीं दूसरी ओर  मैथिलों की चिर लंबित समस्याओं के समाधान के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से प्रयासरत है।

फाउंडेशन के मुख्य कार्य एवं उद्देश्य

मिथिलांचल की सभ्यता, संस्कृति, शिक्षा, भाषा, साहित्य, इतिहास, रीति-रिवाजों, परिधान, लोक संगीत, व्यंजन आदि के बारे में लोगों को जागरूक करना एवं दुनियां को इनकी विशेषताओं से अवगत कराना।

मिथिलांचल के विभूतियों एवं ऐतिहासिक व्यक्तित्वों की कृतियों एवं उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार करना।

जन-जागरण के विभिन्न माध्यमों जैसे सम्मेलन, सेमिनार, सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से व्यक्तिगत और सामाजिक मुद्दों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करना।

महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य की समस्याओं के समाधान हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करना।

मिथिलांचल की कला एवं संगीत का प्रचार-प्रसार करने के लिए संगीत कार्यक्रमों का आयोजन, कला प्रदर्शनी आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक बनाना।

परंपरागत कला एवं शिल्प को प्रोत्साहित करना एवं इसके विकास के लिए विशेषकर हस्तशिल्प को संरक्षित करना एवं इनसे जुड़े कलाकारों का आर्थिक सशक्तिकरण।

मिथिलांचल के सामाजिक, धार्मिक एवं पारंपरिक परिधानों के उत्पादन, इसका संरक्षण एवं इसे बाजार उपलब्ध करवाने का प्रयास करना।

समाज की भलाई हेतु केन्द्र या राज्य सरकारों आदि के द्वारा चलाये जा रही योजनाओं की निगरानी एवं इसके सफल कार्यान्वयन हेतु समाज को जागरूक करना एवं मदद करना।

ज्ञातव्य है कि इस पाग बचाउ अभियान का प्रारम्भ विगत 28 फरवरी, 2016 को दिल्ली में किया गया था, जिसे अपार सफलता मिली और दिल्ली में जाति, धर्म और अन्य चीजों से उपर उठकर वहां रह रहे मैथिल समाज के लोगों ने हजारों की संख्या में पाग मार्च में भाग लिया। इसी प्रकार का एक कार्यक्रम 8 मई को मधुबनी में भी आयोजित किया गया था।

मिथिलांचल की अघोषित राजधानी दरभंगा में आयोजित होने जा रहे आगामी कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मिथिला फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष डा0 बीरबल झा ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य मकसद मिथिलांचल के सर्वांगीण विकास हेतु लोगों को जागरूक करना और लोगों के समक्ष एक रोडमैप रखना है।