13वां अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन 22-23 दिसम्बर को देवघर में होगा आयोजित
तेरहवाँ अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन आगामी 22 एवं 23 दिसंबर को बाबा बैद्यनाथ नगरी देवघर मे आयोजित की जायेगी। इस बाबत सम्मेलन के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने सम्मेलन को लेकर आयोजित पत्रकार सम्मेलन में कहा कि इस सम्मेलन के मुख्य संरक्षक झारखंड के मंत्री राज पलिवार होंगे, जबकि सुशील मिश्र को स्वागताध्यक्ष बनाया गया है। बैजू ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन को लेकर वहां के पंडा समाज मे काफी उत्साह है। वे लोग सम्मेलन को सफल बनाने मे पूरी ताकत से जुटे हुए हैं। दो दिनो तक चलने वाले इस सम्मेलन मे पद्मश्री डॉ. सीपी ठाकुर, कृष्णा नंद झा, संजय सरावगी, बिनोद नारायण झा, ओमप्रकाश खेड़िया, सहित अनेक राजनेता भाग लेंगे। दोनो दिनों के कार्यक्रम की अध्यक्षता के लिए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय तथा कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. साकेत कुशवाहा व डॉ. नीलिमा सिंहा को आमंत्रित किया गया है। सम्मेलन मे भाग लेने के लिए देश विदेश मे रह रहे प्रवासियों की ओर से लगातार स्वीकृति मिल रही है। उन्होने बताया कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास सहित कई मंत्रियों के सम्मेलन मे भाग लेने की संभावना है। यह सम्मेलन वर्ष 2003 में मैथिली भाषा को भारतीय संविधान के अष्टम अनुसूची मे शामिल किए जाने के बाद से प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाता रहा है। इससे पूर्व यह सम्मेलन दिल्ली, मूम्बई , चेन्नई , गौहाटी, जनकपुर, काठमांडू, राँची, तिरूपति, विरार आदि शहरों मे आयोजित किया जा चुका है। सम्मेलन के सेमिनार प्रभारी मणिकांत झा ने बताया कि इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का विषय "विमुद्रीकरणक प्रभाव" रखा गया है। उन्होने बताया कि इसमे भाग लेने के लिए वासी एवं प्रवासी मैथिल विद्वानो को आमंत्रित किया गया है।
कवि सम्मेलन के प्रभारी हरिश्चंद्र हरित ने बताया कि इस अवसर पर सर्वभाषा कवि सम्मेलन का आयोजन होगा जिसमे हिंदी, संथाली, बंग्ला, संस्कृत, उर्दू , मराठी सहित अनेक भारतीय भाषाओं के कवि शामिल होंगे।
सम्मेलन के कोषाध्यक्ष तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रभारी जीवकांत मिश्र ने बताया कि दोनो दिन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमे मैथिली मंच के अनेक चर्चित चेहरे शामिल होंगे। इस सम्मेलन द्वारा भारतीय संविधान मे शामिल सभी 24 भाषाओं के विशिष्ट विद्वानो को मिथिला रत्न से विभूषित किया जाता है। इसके अतिरिक्त मिथिला के विभिन्न क्षेत्रों मे विशिष्ट योगदान देने वालों को भी मिथिला रत्न सम्मान दिया जाता है। विश्वज्योति नामक पत्रिका का प्रकाशन चंद्रेश के संपादन मे किया जाएगा।
शोभायात्रा प्रभारी विजयकांत झा ने बताया कि 22 दिसंबर को बाबा नगरी मे आकर्षक शोभा यात्रा निकाल कर मिथिला के कला व संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा। पत्रकार सम्मेलन मे डॉ. बुचरू पासवान, बिनोद कुमार झा , चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, दिनेश झा सहित कई सदस्य उपस्थित थे।