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मिथिला पेंटिंग को पहचान देने वाली 'बौआ देवी' को मिला 'पद्मश्री' सम्मान


पटना : केंद्र सरकार ने 2016 के लिए पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया है। मधुबनी पेंटिंग्स के लिए बौआ देवी को पदमश्री से सम्मानित किया गया है। पदमविभूषण कैटेगरी में 7, पदमभूषण में 7 जबकि पदश्री पुरस्कार से 75 हस्तियों को सम्मानित किया गया है। इस बार किसी को भारत रत्न नहीं मिला है।

बिहार के खाते में दो पदम अवार्ड आये हैं। मुंगेर के बिहार योग विद्यालय से जुड़े स्वामी निरंजनानंद सरस्वती को पद्म भूषण और मधुबनी की बौआ देवी को आर्ट एंड पेंटिंग में पद्मश्री का अवार्ड मिला है।


बौआ देवी ने मधुबनी पेंटिंग को दिलायी अंतरराष्ट्रीय पहचान
बौआ देवी मधुबनी जिले के जितवारपुर की रहने वाली हैं। 70 वर्षीय बऊआ देवी ने मधुबनी पेंटिंग में अहम योगदान के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया है। मधुबनी पेंटिंग ग्रामीण कला का एक रूप है, जिसे पूर्वी बिहार के मिथिला क्षेत्र की महिलाओं ने विकसित किया है। बऊअा देवी ने मधुबनी पेंटिंग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलायी है। उनकी पेंटिंग की ख्याति पूरी दुनिया में है। इन्हें पद्मश्री के अवार्ड मिलने की घोषणा से मधुबनी के लोगों में खुशी फैल गयी है। माना जा रहा है कि इस अवार्ड के बाद बऊआ देवी मधुबनी पेंटिंग को और ख्याति दिलाने के लिए बड़े स्तर पर काम करेंगी।