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ये आकाशवाणी का मधुबनी केंद्र है... पेश हैं इसकी बदहाली की ख़बरें


मधुबनी : 12 वर्षों से अपनी बदहाली पर सिसकियाँ भर रहा रांटी (मधुबनी) आकाशवाणी केंद्र को फिर से एक उम्मीद जगी है। एक बार फिर से मधुबनी आकाशवाणी के मुद्दे ने जिले सहित पड़ोसी जिलों को भी अपनी और ध्यान केंद्रित करने पर मजबूर किया है।

रांटी आकाशवाणी केंद्र का शिलान्यास 12 साल पहले 2004 में हुआ था। केंद्र में बीजेपी की सरकार थी तो शिलान्यास करने वाले सुचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद थे। लेकिन शिलान्यास के बाद कोई भी काम नहीं हो सका। वर्तमान स्थिति कुछ ऐसी है कि आकाशवाणी की आश धुंधली होने के साथ-साथ शिलान्यास के समय उपयोग में लाये गये शिलापट्ट भी अब धुंधला हो चूका है। 

पिछले 12 सालों में जनप्रतिनिधियों ने कभी नही उठाया आवाज
क्षेत्र के बुद्धिजीवी, साहित्यकार और आमजन बताते है कि वर्तमान परिदृश्य में आज के युवाओं को इस बात की जानकारी भी नही है कि मधुबनी में आकाशवाणी केंद्र का शिलान्यास हुआ था। जिसका मुख्य कारण यहाँ के जनप्रतिनिधियों का निकम्मापन है, जिन्होंने आकाशवाणी के मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया और अपनी राजनीति गोटी मिथिला-मैथिली के नाम पर सेंकते रहें है। वहीं कहीं ना कहीं इस मुद्दे से युवाओं की अनभिज्ञता का आंशिक कारण लोगों में जागरूकता की कमी है। 

मैथिल संगठनों ने दी है आंदोलन की चेतावनी
मधुबनी आकाशवाणी की मांग को लेकर छात्र संगठन मिथिला स्टूडेंट यूनियन और मिथिला राज्य निर्माण सेना ने आंदोलन की चेतावनी दी है। इस कड़ी में मिरानिसे आगामी 23 जनवरी को दरभंगा आकाशवाणी के समक्ष एक दिवसीय धरना दे रही है। जिसके बाद मिरानिसे के एक शिष्टमंडल मंत्री रविशंकर प्रसाद से भी मिलकर मांगो से सम्बंधित ज्ञापन सौंपेगी। वहीं मिथिला स्टूडेंट यूनियन के मधुबनी जिला अध्यक्ष राघवेंद्र रमण ने बताया कि मधुबनी आकाशवाणी के मुद्दे पर एक रोडमैप के तहत यूनियन काम कर रही है, बैठकों का दौर जारी है। आकाशवाणी के उपेक्षा के खिलाफ मांगो से सम्बंधित ज्ञापन सम्बंधित मंत्री और जनप्रतिनिधियों को सौंपा जायेगा। अगर इसके पश्चात किसी प्रकार का सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आता है तो इसे उग्र आंदोलन का रूप दिया जाएगा।

12 वर्षों बाद जगी है आश
12 वर्षों बाद मधुबनी आकाशवाणी के उपेक्षाओं के खिलाफ आंदोलन के रूप में एक आवाज और नई दिशा मिल रही है। एक बार फिर से केंद्र में बीजेपी की सरकार है और रविशंकर प्रसाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री है। अब देखना यह होगा की वर्षों से उपेक्षाओं का दंश झेल रहा रांटी (मधुबनी) आकाशवाणी के अच्छे दिन कब आते हैं।